जर्नलिस्ट सौम्या विश्वनाथन की हत्या में सज़ा का फैसला 26 अक्टूबर को आ सकता है, सभी आरोपी दोषी – डिजायर न्यूज़
जर्नलिस्ट सौम्या विश्वनाथन की हत्या में सभी आरोपी दोषी -डिजायर न्यूज़
जर्नलिस्ट सौम्या विश्वनाथन की हत्या में सज़ा का फैसला 26 अक्टूबर को आ सकता है, सभी आरोपी दोषी – डिजायर न्यूज़
डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – जर्नलिस्ट सौम्या विश्वनाथन की हत्या पर फैसला अब श्याद 26 अक्टूबर को आ सकता है , 15 साल के लम्बे इंतज़ार के बाद आखिर वो दिन अब नज़दीक आ रहा है , सौम्या के माता पिता भावुक है , पिता का कहना है उनकी बेटी वापस तो नहीं आ सकती , पर अगर गुनहगारों को सज़ा मिल गई तो ये उनके लिए और सभी बच्चियों के लिए एक अच्छा सन्देश जायेगा। माँ इतनी भावुक हो गई कि उन्होंने इस केस के इंवेस्टिगेटिंग ऑफिसर को गले लगा लिया। 15 साल में सौम्या के माँ बाप कितनी दफ़ा मरे होंगे श्याद इसका किसी को अंदाजा भी नहीं होगा। लड़ाई अभी बहुत लम्बी है इसके बाद आरोपी हाई कोर्ट की तरफ़ रुख करगे और अगर वहाँ भी सज़ा बरक़रार रहती है तो सुप्रीम कोर्ट जायेगे। हमारे देश में इन्साफ तो मिलता है लेकिन कितने समय मे मिलेगा ये कोई भी नहीं बता सकता।

18 अक्टूबर 2023 को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने आखिर 15 साल बाद अपने फैसले में सभी आरोपियों को दोषी पाया है। साल 2008 में टीवी जर्नलिस्ट सौम्या विश्वनाथन की हत्या के मामले में साकेत कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी ठहराया है। इससे पहले अदालत ने मामले में दलीलें पूरी करते हुए 13 अक्टूबर को जजमेंट सुरक्षित रख लिया था। एडिशनल सेशन जज रवीन्द्र कुमार पांडे ने निर्देश दिया था कि 18 अक्टूबर को फैसला सुनाए जाते वक्त सभी आरोपी अदालत में मौजूद रहें। 6 अक्टूबर को अदालत ने बचाव और अभियोजन पक्ष की दलीलें पूरी सुन ली थीं। जिन आरोपियों का बुधवार को दोषी करार दिया गया है, उन आरोपियों की सजा पर 26 अक्टूबर को चर्चा होगी. उसके बाद अगली तारीख को ही उनको इस अपराध के लिए सजा सुनाई जाएगी.
दिल्ली के साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र कुमार पांडे ने अपने फैसले में कहा कि पेश साक्ष्यों व गवाहों के बयानों पर यह साबित हुआ है कि आरोपी रवि कपूर, अमित शुक्ला, अजय कुमार और बलजीत मलिक ने विश्नाथन से लूटपाट करने के इरादे से हत्या की थी। उन्हें धारा 302 और 34 के तहत दोषी ठहराया गया है। उन्हें मकोका के तहत भी दोषी ठहराया गया है। अदालत ने पांचवें आरोपी अजय सेठी को आपत्तिजनक वाहन को अपने पास रखने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 411 के तहत दोषी ठहराया है। अदालत ने फैसला सुनाया कि उसने संगठन को मदद भी की और संगठित अपराध से अर्जित संपत्ति पर भी कब्जा किया और उसे भी मकोका के तहत दोषी ठहराया गया है।

30 सितबर 2008 को सौम्या विश्वनाथन की हत्या की गई थी , पुलिस को लगभग 6 महीने इस केस को सॉल्व करने में लग गए , सौम्या सुबह 3 बजे के लगभग अपने ऑफिस से निकली थी और उसके ऑफिस से निकलने से लेकर घटना करीब 3.30 बजे नेल्सन मंडेला रोड पर सौम्या की चलती गाड़ी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सौम्या विश्वनाथन को सिर में गोली लगी थी और उनकी कार फुटपाथ से टकरा गई थी। राह चलते राहगीर ने पुलिस को इसकी सूचना दी , सौम्या विश्वनाथन को हॉस्पिटल ले जाया गया लेकिन तब तक उसकी मोत हो चुकी थी।
सौम्या विश्वनाथन की हत्या 30 सितंबर, 2008 में उस वक्त हुई थी, जब वह देर रात अपनी कार से घर लौट रही थीं। उसी दौरान उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने दावा किया था कि उनकी हत्या का मकसद लूटपाट और डकैती था। हत्या के सिलसिले में पांच लोगों- रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय सेठी को गिरफ्तार किया गया, जो मार्च 2009 से हिरासत में हैं। पुलिस ने आरोपियों पर मकोका लगाया था। मलिक और दो अन्य आरोपी रवि कपूर और अमित शुक्ला को 2009 में आईटी प्रोफेशनल जिगिशा घोष की हत्या मामले में दोषी करार दिया जा चुका है। पुलिस ने तब दावा किया था कि जिगिशा घोष की हत्या में इस्तेमाल हथियार की बरामदगी के बाद विश्वनाथन की हत्या के मामले का खुलासा हुआ। निचली अदालत ने 2017 में जिगिशा घोष हत्या मामले में कपूर और शुक्ला को मौत की सजा और मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हालांकि, अगले साल, हाई कोर्ट ने जिगिशा हत्या मामले में कपूर और शुक्ला की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। मलिक की उम्रकैद की सजा बरकरार रही।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मकोका लगाया था. बलजीत मलिक, रवि कपूर और अमित शुक्ला को पहले 2009 में आईटी प्रोफेशनल जिगिशा घोष की हत्या में दोषी ठहराया गया था. ये तीनों आरोपी जिगिशा की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. पुलिस ने कहा था कि जिगिशा घोष की हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार की बरामदगी से विश्वनाथन की हत्या के मामले का खुलासा हुआ था. जो लाल कलर की कलर सौम्या विश्वनाथन का पीछा कर रही थी , वही कार जिगीशा घोष के क़त्ल में इस्तेमाल की गई थी। नवभारत टाइम्स ने बड़े विस्तार से अपनी रिपोर्ट में लिखा भी है।

जिन आरोपियों का बुधवार को दोषी करार दिया गया है, उन आरोपियों की सजा पर 26 अक्टूबर को चर्चा होगी. उसके बाद अगली तारीख को ही उनको इस अपराध के लिए सजा सुनाई जाएगी. इससे पहले साकेत कोर्ट ने बचाव और अभियान पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद 13 अक्टूबर को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित किया था. 18 अक्टूबर को सभी को दोषी करार दिया है।
अभी हॉल ही में निठारी कांड के दोनों अभियुक्तों को हाई कोर्ट ने बरी कर दिया , 16 मुक़दमे दर्ज़ दे , 2004 के इस केस में सभी को बरी किये जाने और सीबीआई की इंविस्टिगेशन पर सभी सवाल खड़े कर रहे है। सौम्या विश्वनाथन को कब और अभी कितने साल में इंसाफ मिलेगा ये कहना बड़ा मुशकिल है। सौम्या विश्वनाथन के माता और पिता का कहना की इन सब को उम्र कैद की सज़ा मिलनी चाहिए , जैसे वो अपनी बेटी के लिए हर रोज तड़पे है ऐसे ही ये मुलज़िम भी जीवन भर जेल में रह कर तड़पे।
संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ